“जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” ले नेपाल देश एवं नेपाली समाज बाहिरका सबै कुराहरु अस्वीकार गर्ने भनेको हो ?

- होइन । जसरी कुनै पनि रुखको जरो जहाँ गाडिएको हुन्छ, त्यो जरोसँग अविच्छिन्न जोडिइरहनु उक्त रुखको जीवनको निमित्त अनिवार्य आवश्यकता हो, तर रुखले आफूलाई आवश्यक पर्ने वायु तथा प्रकाशचाहिँ सबै दिशाबाट स्वीकार गर्नु पर्छ; उसरी नै हामीले पनि आवश्यकताअनुसार कैयौँ कुराहरु पराइ स्रोतबाट समेत लिनु पर्ने अवस्था हुनु स्वाभाविक हो । हाम्रो “जरो” (मौलिकता) एवं “किलो” (निर्णायकत्व, प्रभुत्व, स्वाधीनता, स्वतन्त्रता, सार्वभौमसत्ता) माथि प्रतिकूल असर नपर्ने गरी, हितकारी कुराहरु जहाँकहिँबाट पनि स्वीकार गनु पर्ने हुन्छ र गर्नु पर्छ नै । “विज्ञानको बुद्धि, प्रविधिको प्रगति, धर्मको विवेक एवं सहृदयताको सम्बन्ध” भनेर जुन आधारशिला चतुष्टयलाई “जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” ले अवलम्बन गरेको छ, उक्त विश्वदृष्टिकोण (Worldview) बृहत् छ । हाम्रा क्रियाकलाप “विज्ञानको बुद्धि, प्रविधिको प्रगति, धर्मको विवेक एवं सहृदयताको सम्बन्ध” अनुसार नै उदार, व्यापक, व्यावहारिक हुनै पर्छ ।

जरो किलो झण्डा

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जरो किलो झण्डा मलाई मन पर्छ | हेर हेर कति राम्रो फर फर गर्छ |

झण्डा कस्तो हुनु पर्ने चिन्तन गर्दा | सेतो सुर्य सहितको रातो राम्रो झण्डा |

त्रिकोण आकार झन्डामा संसार नै अट्छ | नेपालको सम्मानमा फर फर गर्छ |

वैदिक र बौद्ध अनि किरात ,जैन , वोन | सबैले मान्ने झण्डा हाम्रो लौ न |

वुद्धि हाम्रो विज्ञानको प्रविधिको विकास | धर्म र सहृदयताले दिन्छ देशलाई निकास |

मौलिक रैथाने हो जरो किलो शक्ति | संसारको केन्द्र मानी गर्ने नेपालको भक्ति |

जरो किलो झण्डा मलाई मन पर्छ | हेर हेर कति राम्रो फर फर गर्छ |

वैदिक सनातन धर्म

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वैदिक सनातन धर्म (जसलाई हिन्दू संज्ञा पनि दिने गरिएको छ) का साथै बौद्ध, किरात, बोन , जैन जस्ता धर्म यहाँका मौलिक रैथाने हुन् । नेपालको पहिचान यहाँका मौलिक रैथाने धर्मबाट हुनु र राज्यले विशेष संरक्षण गर्नु शतवैदिक सनातन धर्म (जसलाई हिन्दू संज्ञा पनि दिने गरिएको छ) का साथै बौद्ध, किरात, बोन , जैन जस्ता धर्म यहाँका मौलिक रैथाने हुन् । नेपालको पहिचान यहाँका मौलिक रैथाने धर्मबाट हुनु र राज्यले विशेष संरक्षण गर्नु शत–प्रतिशत ठीक हो भन्नेमा हामी दृढ छौँ । संस्कृति, अर्थतन्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रमा पनि जरो र किलोको कसी लगाएर व्यवहार गर्नु वाञ्छनीय छ । अन्यत्रै जरो र किलो भएका पराइ शक्तिहरू जहाँकहिँ पनि छन्, तिनलाई पहिचान गरेर तिनको दुस्प्रभाव निर्मूल गर्नु अत्यावश्यक छ भने हितकारी चिजहरू हामीलाई उपयुक्त हुने गरी अवलम्बन गर्ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण हामीमा हुनु पर्छ । अहिले नेपाललाई चाहिएकोचाहिँ “जरो” र “किलो” दुवै नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति हो । जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्तिका आधारशिला विज्ञान, प्रविधि, धर्म र सहृदयता हुन् ।–प्रतिशत ठीक हो भन्नेमा हामी दृढ छौँ । संस्कृति, अर्थतन्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रमा पनि जरो र किलोको कसी लगाएर व्यवहार गर्नु वाञ्छनीय छ । अन्यत्रै जरो र किलो भएका पराइ शक्तिहरू जहाँकहिँ पनि छन्, तिनलाई पहिचान गरेर तिनको दुस्प्रभाव निर्मूल गर्नु अत्यावश्यक छ भने हितकारी चिजहरू हामीलाई उपयुक्त हुने गरी अवलम्बन गर्ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण हामीमा हुनु पर्छ । अहिले नेपाललाई चाहिएकोचाहिँ “जरो” र “किलो” दुवै नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति हो । जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्तिका आधारशिला विज्ञान, प्रविधि, धर्म र सहृदयता हुन् ।

इतिहासमा नेपाल

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इतिहासका प्रायः सबै कालखण्डमा यो देश समृद्ध, शक्तिशाली, अग्रणी रहिआएको हो । तर अहिले देशको स्थिति के छ भन्ने त हाम्रो सामु प्रत्यक्ष छँदैछ । सङ्कटै सङ्कटको सङ्क्रमणकालबाट गुज्रिँदै गर्दा वर्तमान नेपालको दुरावस्थाले हामी सबैलाई पीडित बनाइरहेको छ । हिंसा, अराजकता, हाहाकार !! घृणा, द्वेष, वैमनस्य !! असुरक्षा, अशान्ति, त्राहीत्राही, रोदन, चित्कार !! भ्रस्टाचार, तस्करी, कालाबजारी, महङ्गी !! बेरोजगारी, पलायन, निराशा !! गरिबी, रोग, भोक, शोक !! विकृति, विसङ्गति, पापाचार !! अन्याय, अत्याचार, शोषण, दमन, असमानता !! खै कहाँ छ चित्त बुझाउने ठाउँ ? को हो दोषी ? कसले हो हामीलाई यो महासङ्कटबाट पार लगाउने ?

प्रत्येक इमान्दार नेपालीले गम्भीरतापूर्वक सोच–विचार गरी तत्कालै निर्णय लिनु पर्ने बेला आएको छ — के यो देशको स्थितिलाई यसरी नै बिग्रिइरहन दिने अथवा देशलाई सुखमय बनाउने ? उज्यालो रोज्ने वा अँध्यारो रोज्ने ? निर्णय लिइहाल्नु परेको छ — “अब कुनबाटो लाग्ने ?” नेपालका वर्तमान समस्याहरूको समाधान गरी नेपाललाई वैश्विक पुनः संरचनाको अग्रणी एवं केन्द्र बनाउन सकिन्छ, जसका लागि नीति र नेतृत्व दुवै सर्वोत्तम हुनु अत्यावश्यक छ । जरो (Root) र किलो (Locus) नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति नै नेपालको लागि सर्वोत्तम विकल्प हुने निष्कर्षमा हामी पुगेका छौँ । आउनुहोस हामी सबै मिलेर नेपाललाई समृद्ध , अग्रणी र वैश्विक केन्द्र बनाउने महाअभियानमा जुटौ |

जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति

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न्युनतम लक्ष्य देशका लागि अनुपयुक्त राजनीतिक एवं आर्थिक दर्शन, सिद्धान्त, वाद, प्रणाली, रणनीति, कार्यनीति आदिको निराकरण तथा अयोग्य नेतृत्व प्रदान गर्दै आइरहेका राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक आदि सङ्गठनहरूको विकल्पमा यो देशका लागि उपयुक्त राजनीतिक एवं आर्थिक दर्शन, सिद्धान्त, वाद, प्रणाली, रणनीति, कार्यनीति आदिका साथै योग्य नेतृत्व सुनिश्चित गरी नेपालको सर्वाङ्गीण उन्नति–प्रगति गर्नु एवं नेपाललाई समृद्धि, न्याय, सुख, शान्ति, सहृदयताले परिपूर्ण बनाउनु हो । अब युगान्तकारी एवं युगप्रवर्त्तनकारी सकारात्मक क्रान्तिको पक्षमा डट्ने बेला आएको छ । यही महान् दायित्व अनुरूपको भुमिका निर्वाह गर्न जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति खडा गर्नु परेको हो ।

जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरबैआ शक्ति “जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” (The Root and Locus Movement)

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आह्वानपत्र (मैथिली) : जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरबैआ शक्ति जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरबैआ शक्ति “जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” (The Root and Locus Movement) विज्ञानक बुद्धि प्रविधिक प्रगति । धर्मक विवेक सहृदयताक सम्बन्ध ।। विकास न्याय स्वाधीनता समृद्धिमे नेपालक । सहृदयी तराई मधेश पहाड़ आ हिमालक ।। प्रिय बन्धु लोकनि ! नेपाल विश्वक सभसँ प्राचीन देशमे एक अछि । ई महाभारतकालसँ पुरान, रामायणकालसँ पुराना देश अछि; राज्य–राष्ट्र (State Nation) अछि । एकर सीमामे परिवर्तन भेल अछि, शासक लोकनि परिवर्तन भेल अछि । मुदा राज्यराष्ट्रक रूपमे अविच्छिन अस्तित्वमे अछि, वैदिककालसँ । हजारो–हजार वर्षक इतिहास अछि नेपालक सार्वभौमसत्ता, स्वतन्त्रता, स्वाधीनताक । हिमाल, पहाड़ आ तराई नेपालक अवयवक रूपमे रहैत आएल अछि, सभ दिनसँ । इतिहासक प्रायः सभ कालखण्डमे ई देश समृद्ध, शक्तिशाली आ अग्रणी रहैत आएल अछि । मुदा एखन देशक स्थिति कि छैक जे त अपनासभक सामने अछि । सङ्कटे सङ्कट आ सङ्क्रमणकालक कारण वर्तमान नेपालक दूरावस्थासँ अपनासभ पीड़ित भऽ रहल छी । हिंसा, अराजकता, हाहाकार !! घृणा, द्वेष, वैमनस्य !! असुरक्षा, अशान्ति, त्राहीत्राही, रोदन, चित्कार !! भ्रष्टाचार, तस्करी, कालाबजारी, महङ्गी !! बेरोजगारी, पलायन, निराशा !! गरिबी, रोग, भुख, शोक !! विकृति, विसङ्गति, पापाचार !! अन्याय, अत्याचार, शोषण, दमन, असमानता !! कतऽ छैक त चित बुझाबऽबाला ठाम ? के अछि दोषी ? के अपनासभकेँ ई महासङ्कटसँ पार लगाओत ? हरेक इमान्दार नेपालीसँ गम्भीरतापूर्वक सोच–विचार कऽ निर्णय लेबाक समय आएल अछि— कि एहि देशक स्थितिकेँ एहिना बिगरैत रहऽ देबाक चाही कि सुखमय बनाएब ? इजोरिआ छानब कि अन्हरिआ ? निर्णय लेबाक अछि — “आब कोन रस्ता लेबैक ?” नेपालक वर्तमान समस्यासभक समाधान कऽकऽ नेपालकेँ वैश्विक पुनःसंरचनाक अग्रणी आ केन्द्र बनाओल जाऽ सकैय, एकर लेल नीति आ नेतृत्व दूनू सर्वोत्तम रहब अत्यावश्यक अछि । जड़ि (Root) आ कील (Locus) नेपालमे रहल मौलिक घरबैआ शक्तिए नेपालक लेल सर्वोत्तम विकल्प रहल निष्कर्षमे हमसभ पहुँचल छी ।

नेपालमे विद्यमान विभिन्न शक्तिसभक दार्शनिक मान्यता, सिद्धान्त, वाद, रणनीति, कार्यनीति आदिक परीक्षण जड़ि आ कीलक तराजुमे कएल जाए, त प्रष्ट भऽ जाएत की आब नेपालक नीति आ नेतृत्वक लेल सभ पूर्ण रूपसँ अनुपयुक्त अछि । जड़ि (Root) :— उद्गम, मौलिकता, स्थानीयता, सान्दर्भिकता, अपनापन, स्वामित्वक सवाल । जन्म, स्रोत आ मूल कतऽ अछि ? सैद्धान्तिक/व्यावहारिक रूपमे “जड़ि” (Root) नेपालमे अछि कि दोसर ठाममे ? कील (Locus) :— स्वाधीनता, स्वतन्त्रता, प्रभुत्व, सार्वभौमसत्ताक सवाल । केन्द्रबिन्दु कतऽ अछि ? स्वाधीन अछि की पराधीन ? स्वतन्त्र अछि की बहरियासँ नियन्त्रित, निर्देशित, प्रायोजित अछि ? प्रभुत्व ककर अछि ? नेपाली जनताक शक्तिसँ सञ्चालित अछि कि बहरिया शक्तिक दलाल, भरुआ, प्यादा अछि ? सैद्धान्तिक/व्यावहारिक रूपमे “कील” (Locus) नेपालमे अछि कि आओर कतहुँ ? जाँचल जाए, ककर जड़ि आ कील कतऽ अछि ? नेकपा (एमाले) आ माओवादीसहितक सभ कम्युनिष्ट घटक, नेपाली कांग्रेससहितक सभ कांग्रेसी घटक, राप्रपासहितक सभ पूर्वपञ्चक घटक, कथित मधेशवादीसभ, कथित जनजातिवादीसभ, बचल खुचल कथित राजावादीसभ, सभ बेर–बेर सत्तामे पहुँचल अछि आ एखनो सत्तासीन आ सत्ताकांक्षी अछि । ओकरसभक परीक्षण, मूल्याङ्कन, जाँच, “जड़ि” (Root) आ “कील” (Locus) क तराजुमे कएलाक बाद देखाएत सत्य ? तराजुमे जाँचल गेलाकबाद निम्नानुसारक अवस्था देखबामे अबैत अछि :— जड़ि :— कांग्रेस आ कम्युनिस्टक त जन्म, स्रोत, मूल नेपालसँ बाहर अछि । ओकरसभक सिद्धान्तो विदेशी विधर्मी स्रोतसँ अछि । तँे सैद्धान्तिक आ व्यावहारिक दूनू रूपमे ओकरसभक जड़ि नेपालसँ बाहर अछि । राप्रपासहितक सभ पूर्वपञ्चक घटकसभ, कथित मधेशवादीसभ, कथित जनजातिवादीसभक सेहो इएहे यथार्थ अछि । बचलखुचल कथित राजावादीसभक सैद्धान्तिक आधार वा राजनीतिक दर्शनो अपनासभक मौलिक दर्शन नहि भऽ मेकियावेलीक दर्शन भेलासँ सिद्धान्ततः ओकरसभ जड़ि (Root) सेहो नेपालसँ बाहर अछि । कील :— नेकपा (एमाले) आ माओवादीसहितक सभ कम्युनिस्ट घटकसभ, नेपाली कांग्रेससहितक सभ कांग्रेसी घटकसभ, राप्रपा सहितक सभ पूर्वपञ्च घटकसभ, कथित मधेशवादीसभ, कथित जनजातिवादीसभ, ई सभ पराधीन अछि से ओकरसभक व्यवहारोसँ पता चैल रहल अछि । नेपाली जनताकेँ शक्तिक केन्द्र नहि बुझैत अछि ओसभ । केओ दक्षिण, केओ उत्तर, केओ पश्चिम, आ केओ पूर्व दिस किल (Locus) गाड्ने रहैत अछि । तबऽ ओसभ कोना स्वतन्त्र आ स्वाधीन भऽ सकैत अछि ? बेर बेर सत्तासीन नहि भेल छैक ओ सभ ? बेर बेर सत्ता भेटलापर बेइमानी करऽबालासभ नहि अछि ? ककर परीक्षण होबऽ बाँकी अछि आब ? आबहुँ ओकरे सभक हातमे देशक जिम्मेवारी रहलासँ दुर्भाग्य हेबाक प्रष्ट अछि । राजनीतिक प्रकृतिक पार्टी, सङ्घ, सङ्गठन सभक मात्र जड़ि आ कीलक तराजुसँ परीक्षण कऽकऽ नहि पुगत; अतऽ त धर्म, संस्कृति, अर्थतन्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्र सभमे सेहो बहरिया शक्ति सभक वर्चस्व अछि । वैदिक सनातन धर्म (जकरा हिन्दू नाम सेहो देल जाइत अछि) संगहि बौद्ध, किरात, बोन, जैन आदि जकाँ धर्म इएहे मौलिक घरवैया अछि । नेपालक पहिचान अतुका मौलिक घरबैआ धर्मसँ भेल आ राज्यक विशेष संरक्षण हेबाक शत–प्रतिशत ठीक अछि । संस्कृति, अर्थतन्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रमे सेहो जड़ि आ कीलक तराजुमे राखि व्यवहार करब जरुरी अछि । दोसर ठाम जड़ि (Root) आ कील (Locus) भेल बहरिया शक्तिसभ कतहुँ होइक, ओकरासभकेँ पहिचान कऽकऽ ओकर दूष्प्रभाव खतम करब अत्यावश्यक अछि । मुदा ओकरसभक हितकारी चिजसभ उपयुक्त हेबाक हिसाबसँ अपनेबाक वैज्ञानिक दृष्टिकोणो अपनासभमे हेबाक चाही । एखन नेपालकँे “जड़ि” आ “कील” दूनू नेपालमे भेल मौलिक घरवैया शक्ति । जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरबैआ शक्ति (The Root and Locus Movement) क आधारशिला विज्ञान, प्रविधि, धर्म आ सहृदयता अछि । विज्ञानक बुद्धि, प्रविधिक प्रगति, धर्मक विवेक आ सहृदयताक सम्बन्धसँ नेपालमे विकास, समृद्धि, न्याय आ स्वाधीनता सुनिश्चित करत । हमसभ विश्वस्त छी कि सहृदयतासँ नेपाली सांस्कृतिक चेतनाक सझिया आत्मचेतक आधारमे प्रतिष्ठित एक नेपालीजाति अवधारणाकँे प्रबर्धन करब अपनासभक हितमे अछि । नेपाल कोनो एक जात या जाति या जनजातिक, कोनो एक वर्ग विशेषक मात्रक देश नहि भऽ विविधता सभक समष्टि रूप अछि आ एहि सभक संयोजन भऽ कऽ एकटा राज्यराष्ट्र (State Nation) क रूपमे विकसित भऽ गेलासँ सभ जाति, समुदाय, सभ भाषिक समुदाय, सारा धार्मिक समुदायक सहभागितासँ बनल एक रूप एक नेपाली जातीयतापर इमान्दार भेलापर मात्र राष्ट्रियता मजबुत हएत । राजनीति (शासनतन्त्रसहित), अर्थतन्त्र, शिक्षातन्त्र, स्वास्थ्यतन्त्र, कृषितन्त्र, संस्कृतितन्त्र, समाजतन्त्र आदि आदि सभ जड़ि आ कील नेपालमे निश्चित रहल घरवैया प्रणालीकेँ निश्चितताक लेल अछि, ई अभियान । विज्ञान (बुद्धि), अत्याधुनिक प्रविधि (प्रगति), धर्म (विवेक) आ सहृदयता (सम्बन्ध) केँ अपनेबाक अछि अपनासकेँ । अपनासभकेँ अपन मूलसँ अविच्छिन रहैत संसारक अग्रणी एवं केन्द्र बनबाक अछि । अपनासभक लक्ष्य अछि — ‘वैज्ञानिक सत्ययुग’ । अपनासभक तत्कालीक न्यूनतम लक्ष्य देशक लेल अनुपयुक्त राजनीतिक आ आर्थिक दर्शन, सिद्धान्त, वाद, प्रणाली, रणनीति, कार्यनीति आदिक निराकरण आ अयोग्य नेतृत्व प्रदान करैत आएल राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक आदि सङ्गठन सभक विकल्पमे ई देशक लेल उपयुक्त राजनीतिक आ आर्थिक दर्शन, सिद्धान्त, वाद, प्रणाली, रणनीति, कार्यनीति आदिक संग योग्य नेतृत्व सुनिश्चित करैत नेपालक सर्वाङ्गीण उन्नति–प्रगति करबाक आ नेपालकेँ समृद्धि, न्याय, सुख, शान्ति, सहृदयतासँ परिपूर्ण बनबाक अछि । आब युगान्तकारी आ युगप्रवत्र्तनकारी सकारात्मक क्रान्तिक पक्षमे अटल रहबाक समय आएल अछि । ई महान् दायित्व अनुरूपक भूमिका निर्वाह करबाक हेतु जड़ि आ कील नेपालमे रहल मौलिक घरबैआ शक्तिकेँ ठाढ़ करऽ पड़ल अछि । नव आ पुरानक निरर्थक विवादमे नहि परु । प्राचीनतमसँ नवीनतमधरि निक सभकेँ स्वीकार करु; खराब सभ अस्वीकार करु । आधुनिकतम् विज्ञानसँ प्राचीनतम् ज्ञान तककेँ सुसंयोजन ः वैज्ञानिकतायुक्त धर्म धार्मिकतायुक्त विज्ञान । भौतिक उन्नतियो करबाक अछि, मानसिक उन्नतियो करबाक अछि, आध्यात्मिक उन्नतियो करबाक अछि । आधिभौतिक, आधिदैविक, आध्यात्मिक आयामसभक समष्टि मानव जीवन अछि । ने दक्षिण ने उत्तर ने पश्चिम ने पूर्व, दोसरक भर परबालासभक पड़ैत रहैत अछि कष्ट । दोसरक निगाहमे जिबाक नहि अछि, स्वावलम्बी स्वाधीन समृद्ध बनेबाक अछि देशकेँ ।। आर्थिक समृद्धि, विकास, न्याय, शिक्षा स्वास्थ्य रोजगारीकँे राज्यसँ पूर्ण प्रत्याभूति । राष्ट्रिय एकता, अखण्डता, सार्वभौमसत्ता, स्वाधीनता, “वसुधैव कुटुम्बकम्” सार्थक बनाऽ सकऽबाला अन्तर्राष्ट्रिय नेतृत्व करबाक तयारी ।। अपनासभक प्राथमिकता सिर्जना, निर्माण, विकास, प्रगति, उन्नति, समृद्धि, न्याय, एकता, शान्ति, स्वाधीनता, सहृदयता । संस्थागत स्वामित्व, सामूहिक कर्तृत्व, विशिष्ट नेतृत्व । हमसभ न्यौता दैत छी :— जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरवैया शक्ति (“जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” The Root and Locus Movement) केँ अभियानमे अहँु सामिल होउ, हम सभ सहकार्य करी । समाज, राष्ट्र, विश्वप्रतिक कर्तव्य निर्वाह करबाक ई महायज्ञमे अहाँके उपस्थिति विशेष अर्थ रखैत अछि । ई अभियानमे अहाँकेँ स्वागत अछि । आगा बढ़ु – ई युग अपनासभक अछि । जड़ि आ कील नेपालमे भेल मौलिक घरबैआ शक्ति “जरो र किलो नेपालमै भएको मौलिक रैथाने शक्ति” (The Root and Locus Movement)

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16:04, 22 May 2018 (UTC)