मुनिराज तुम्हारी पूजन से संकट दल सब टल जाते हैं ।

इसलिए समर्पित जयमाला , चरणों में तुम्हें चढाते हैं ॥

बनकर के राही शिवपथ के हमको भी राह दिखाते हो ।

जिनवाणी के प्रस्तोता बन , आगम से सृष्टी बनाते हो ॥

अब तक भटके हैं हे मुनिवर, विषयों में समय गंवाया है।

नर जन्म महा दुर्लभ मिलना, जिसको क्षण क्षण ठुकराया है॥

हे मुनिवर शिवपथ पर चलकर तुमने जो रूप संवारा है।

यह तीन लोक में अनुपम है, और अन्य न सुख का दाता है॥

इसलिए किरण बनकर मुनिवर हम सबको सदा जगाया है।

जिनवाणी के कदमों पर चल , मुक्ति का मार्ग दिखाया है ॥

तुम सचमुख ही अमृत लेकर , विष वमन कराने आये हो ।

हे जीर्ण रोग मम अस्थि में , जिसकी औषध तुम लाये हो ॥

पाकर के विद्या गुरूवर को , तुम विद्या भानु कहलाये ।

है भाग्य सभी हम भव्यों का , जो ऐसे मुनिवर हम पाये॥

इनकी तो महिमा है न्यारी, जीवन पुस्तक जो सदा खुली ।

जब चाहो सभी पीयूष पियो , हर लो तुम दुख जो अतिभारी ॥

यह भाव भक्ति है कीर्तन है , शब्दों को जोड बनाया है ।

निज अन्तर तम की वीणा से , बिन छन्दों के ही गाया है॥

हे सुधा-सिन्धु ! हे तपोपूत , चरणों में मेरा हो प्रणाम ।

बस चन्द्र सूर्य की राहों पर, शाश्वत विच्ररो बनकर महान्॥

youth towards jainism

edit
युवा – जैन धर्म कि ओर
” एक नयी शुरुआत “……

YOUTH TOWARDS JAINISM - a new beginning


मंगल आशीर्वाद ः मुनि पुंगव श्री १०८ सुधासागर जी महाराज


यह एक ऐसा प्रोग्राम है या ऐसा प्लेटफोर्म है जहां हम अपने युवाओं को और अपने आने वाली पीढी को जैन

धर्म और जैन संस्क्रति से जोड रहे है ।यह प्रोग्राम आप्के समक्ष www.sudhasagar.org प्रस्तुत करने जा

रहे है। इस प्रोग्राम का मक्सद है कि अपने युवाओं को धर्म से कैसे जोडा जाये ?आजकल हम देख रहे है कि हमारे

इस वर्तमान समय में शिक्षा क कितना महत्व है । हम जानते है कि बिना शिक्षा के आज के वर्तमान युग में जीवित रह पाना

बडा ही

मुश्किल है ।आज के समय में शिक्षा एवं तक्नीक बडे ही तेजी से आगे बड रही है और आजकल

काम्पटीशन बडा हि बड्ता जा रहा है।इस शिक्षा को ग्रहण करने के लिये युवा वर्ग अपने अपने घरों से दूर

सेन्टरों पर जाकर शिक्षा को ग्रहण करने के लिये जाते है ।अब उनको वहां कैसा क्य माहौल मिलता है

सन्गती कैसी क्या मिलती है एवं क्या वातावरण मिलता है । अब रह गयी बात संस्कारों कि जो कि उन्में

बचपन से ही मां बाप उनमें डालते है वह उनसे धीरे धीरे दूर होते चले जाते है ।बस अब वे हमारे जैन धर्म

के संस्कार एवं संस्क्रति को भूल जाते है ।इनके बहुत से गलत परिणाम निकलते है जैसे कि लव मैरिज एवं

बहुत कुछ ……..


अब हम आप सब से यह सवाल करते है कि ः

” अगर यह हमारा वर्तमान है तब हमारा भविष्य क्या और कैसा होगा ……??? “

इसी का समाधान हम लेकर के आये हैं । एक अनोखा प्रोग्राम एक ऐसा प्लैट्फोर्म जिसकी मदद से हम हमारे सभी वर्ग और सभी आयु के लोगों को जोडेंगे एवं इस प्लैट्फोर्म पर एक साथ मिलायेगें । अब इसमें हम हर आयु के लोगों को उनके ग्रुप के हिसाब से बांट देंगे फिर उनमे अलग अलग प्रतियोगिता करायेंगे ।एवं उनको पुरुस्कार भी वित्रित किये जायेंगे ।इन में ड्राईंग / लेखन /निबन्ध / शास्त्र चर्चा /एवं थीसिस ओन टोपिक

भी होगा एवं बहुत कुछ ……..

अब जब हमारी पत्रिका निकलेगी तब उसमें एवं नेट पर वेब्साईट पर उनकी चीजों को प्रस्तुत करके उनका प्रोत्साहन किया जायेगा ।

अगर आपको लगता है कि हमारा यह कार्यक्रम कुछ नया कर दिखायेगा तब हमे अपने अपने सुझाव भेजें ।

अगर आप हमसे इस प्रोजेक्ट से जुड्ना चहते है तब यहां फोर्म जरूर भर दें ः

   GROUPING WILL BE AS :

AGE GROUP

5-10 A (LIL’ CHAMPS)

11-15 B (JUNIORS)

16-25 C (YOUNGESTER)

26-35 D (ADULTS)

36-45 E (ELDERS)

45-65 F (GRANDSSS)


   NOW DIFERENT CULTURAL ACTIVITIES WIL BE CONDUCTED BETWEEN THEM DEPENDING UPON THE GROUP

GROUP ACTIVITIES

A DRAWING

B DRAWING/ESSAY/QUIZ LEVEL ‘0’


D PASSAGE/TOPIC DISSCUSSION/QUIZ LEVEL’2’

E PASSAGE/TOPIC DISSCUSSION/QUIZ LEVEL’3’/SHASHTRA CHARCHA

F PASSAGE/TOPIC DISCUSSION/QUIZ LEVEL ‘4’/SHASHTRA CHARCHA


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