मुरली मनोहर श्रीवास्तव (अंग्रेजी: Murli Manohar Srivastava,जन्म: 28 अक्टूबर, 1974 )हिन्दुस्तान के प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार के साथ-साथ उदघोषक भी हैं. इनका जन्म बक्सर जिले के डुमराँव, बिहार में हुआ था. इनके पिता का नाम डॉ.शशी भूषण श्रीवास्तव एवं माता का नाम श्रीमती माया श्रीवास्तव है.वर्ष 2009 में इनकी पहली पुस्तक "शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां " (हिंदी) प्रकाशित हुई थी. जो वर्ष 2013 में बेस्ट सेलर बुक में शामिल हुई. अपने पैत़क गांव से बी.एस.सी.(भौतिकी प्रतिष्ठा) करने के बाद एम.ए.(लोक प्रशासन),पत्रकारिता स्नात्कोत्तर डिप्लोमा, एम.जे.एम.सी. (पत्रकारिता स्नातकोत्तर)तक की शिक्षा प्राप्त की. थियेटर से भी इनका लगाव बड़े पैमाने पर रहा है तभी तो वर्ष 1999 में भिखारी ठाकुर कृति बिदेशिया नाटक में एक नया प्रयोग करने का श्रेय जाता है. इस नाटक को इन्होंने बाथे नरसंहार से जोड़ते हुए बाथे में विदेशिया की रचना की जो भारत रंग महोत्सव,एन.एस.डी.दिल्ली में 86 नाटकों में अपने को स्थापित कर पायी. लेखनी में रचे बसे मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने लेखनी के क्षेत्र में अपने लेखक पिता शशि भूषण श्रीवास्तव को अपना गुरु मानते हैं.लोक परंपरा के लगभग चौदह सौ गीतो को अपनी मां और बड़ी बहन नूतन श्रीवास्तव की बदौलत संकलित कर पाए. शुरु से ही लेखनी के प्रति लगाव रखने वाले इस कलाकार,उदघोषक,पत्रकार, लेखक ने कई पुस्तकों पर काम किया जिसमें रण बांकुरे वीर कुंवर सिंह के उपर " वीर कुंवर सिंह की प्रेमकथा", मजदूर नेता "प्रो.अब्दुल बारी ", पंडित दुर्गादत्त परमहंस पर पुस्तक पूरी हो चुकी है. जबकि किन्नरों पर किन्नरों का संसार तथा नेता जी सुभाषः जिंदा है (प्रस्तावित है) पहली बार मुस्लिम धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान को भोजपुरी अनुवाद कर रहे हैं. जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धियों में शामिल होगी. इसके अलावे एस.आई.एस सिक्युरिटीज के मालिक आर.के.सिन्हा के संघर्ष पर आधारित पुस्तक "...अब तक 40 कदम", तो अपने पिताजी के संघर्ष पर "डेली पैसेंजर" पुस्तक भी शीघ्र आने वाली है. शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर देश में सबसे ज्यादा शोध करने वाले मुरली ने उन पर पुस्तक लिखने के बाद अब तक उन पर सबसे लंबी डॉक्यूमेंट्री बनाई है. साथ ही " भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय" उनके जन्मस्थली डुमरांव(बक्सर)बिहार में जन सहयोग से खोल रहे हैं, 03 दिसंबर,2013 को शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट द्वारा " भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय"खोले जाने की घोषणा की गई. इस कार्यक्रम में विधान पार्षद डॉ.रणवीर नंदन द्वारा मुरली की सोच की विधिवत घोषणा की गई.