मेरे हिस्से की किसने पी है, ए साकी इतना मुझे बता दे.

बाँटा है गमों को जिसने, मुझे उस से तू मिला दे.

………………………… मेरे हिस्से की

मेरा अफ़साना सुना है जिसने, उसे मेरा शुक़रिया अता दे. ……………………….. मेरे हिस्से की

कब से तलाश है ज़िंदगी की ए साकी उसका मुझे पता दे …………………………मेरे हिस्से की ============== शेखर स्वतंत्र