काम की अहमियत

बात उन दिनाें की है जब मैं बनारस में रहता था। मेरे पिता जी सरकारी विभाग में कार्यरत थे माता पिता की इकलौती संतान होने के कारण मेरी परवरिश काफी अच्छे तरीके से हुई थी इसी वजह से मैं अहंकार से बुरी तरह ग्रस्त हो चुका था। [1]

  1. ^ भवानी प्रसाद भटनागर