In sanskrit words are used to express language
which is not a word is not to be used
पद is defined as प्रकृति + प्रत्यय
There are two major types of words, क्रियपद, नामवचकपद
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अ आ |
इ ई |
उ ऊ |
ऋ ॠ |
ऌ ॡ
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गुण |
अ |
ए |
ओ |
अर् |
अल्
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वृधि |
आ |
ऐ |
औ |
आर् |
आल्
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परस्मैपदि वर्तमानकाले लट्
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एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन
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प्रथम पुरुष |
ति |
तः |
अन्ति
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मध्यम पुरुष |
सि |
थः |
थ
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उत्तम पुरुष |
आमि |
आवः |
आमः
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irregular verbs, भ्वादि
गम् |
गच्छति |
to go
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यम् |
यच्छति |
to restrain
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गुह् |
गूहति |
to hide
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सद् |
सीदति |
to sit
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घ्रा |
जिघ्रति |
to smell
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पा |
पिबति |
to drink
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स्था |
तिष्ठति |
to stand
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दंश् |
दशति |
to bite
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ध्मा |
धमति |
to blow
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दृश् |
पश्यति |
to see
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irregular verbs, दिवादि
दिव् |
दीव्यति |
to play
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शम् |
शाम्यति |
to cease
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श्रम् |
श्राम्यति |
to be weary
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मद् |
माद्यति |
to rejoice
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व्यध् |
विध्यति |
to pierce
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भ्रंश् |
भ्रश्यति |
to fall
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क्षम् |
क्षाम्यति |
to forgive
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भ्रम् |
भ्राम्यति |
to roam, to err
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पुंलिङ शब्धः
कृष्ण शब्धः
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हरि शब्धः
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गुरु शब्धः
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एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन
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कृष्णः |
कृष्णौ |
कृष्णाः |
हरिः |
हरी |
हरयः |
गुरुः |
गुरू |
गुरवः
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कृष्णम् |
कृष्णौ |
कृष्णान् |
हरिम् |
हरी |
हरीन् |
गुरुम् |
गुरू |
गुरून्
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कृष्णेण |
कृष्णाभ्याम् |
कृष्णैः |
हरिना |
हरिभ्याम् |
हरिभिः |
गुरुना |
गुरुभ्याम् |
गुरुभिः
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कृष्णाय |
कृष्णाभ्याम् |
कृष्णेभ्यः |
हरये |
हरिभ्याम् |
हरिभ्यः |
गुरवे |
गुरुभ्याम् |
गुरुभ्यः
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कृष्णात् |
कृष्णाभ्याम् |
कृष्णेभ्यः |
हरेः |
हरिभ्याम् |
हरिभ्यः |
गुरोः |
गुरुभ्याम् |
गुरुभ्यः
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कृष्णस्य |
कृष्णयोः |
कृष्णाणाम् |
हरेः |
हर्योः |
हरिनाम् |
गुरोः |
गुर्वोः |
गुरुनाम्
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कृष्णे |
कृष्णयोः |
कृष्णेषु |
हरौ |
हर्योः |
हरिषु |
गुरौ |
गुर्वोः |
गुरुषु
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कृष्ण |
कृष्णौ |
कृष्णाः |
हरे |
हरी |
हरयः |
गुरो |
गुरू |
गुरवः
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श्वेतः पीतः धूसरः रक्तः पाटलः हरितः कृष्णः नीलः कपिशः
सुवर्ण पित्तलं रजतं त्रपु अयः ताम्रं सीसं कांश्यं पारदः अब्रकः