हजरत बाबा हातिम शाह रह.हिन्दोस्तान के उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक गाँव मटियरा जगदीश मे तकरीबन 1890 ई.के करीब पैदा हुए थे,बाबा साहब सैयद खानदान से थे इनके दादा साहब हजरत गुद्दर अली शाह अपने जमाने के महान सुफी संत गुजरे हैं आप के खानदान मे एक से बढ कर एक बुजुर्ग हस्ती गुजरे हैं बाबा हातिम शाह की इबादत का आलम ये था की आप काफी फाका कशी किया करते थे और अपने हिस्से का खाना जरूरत मंद को खिला दिया करते थे और जमीन पर सोते और ईंट का तकिया लगाया करते थे काफी जमाने तक आप का इबादत जारी था बताते हैं कि सांप बिच्छू जैसे जानवर भी आप के इर्दगिर्द घुमा करते थे लेकिन क्या मजाल कोई नुकसान पहुँचा सकें आप की बुजुर्गी का ये आलम था खानकाह पर आने वाला हर आदमी अपनी मुराद हासिल करके जाता था बाबा साहब सादा जीवन उच्च विचार के धनी थे हमेशा मामूली लुंगी कुर्ता और टोपी पहनते थे कड़ी से कड़ी धुप मे भी खाली पैर रहा करते थे रोज़ाना मेहमानों की लाइन लगी रहती थी और दिन भर लंगर चलता रहता था आप के दरबार मे सभी एक समान थे गरीब अमीर छोटा बड़े मे कोई भेदभाव बिल्कुल नही था आप के लाखो की तादाद मे मुरीद थे और हर धर्म और समुदाय के लोग आप के अकीदत मंद थे एक बार का वाक्या है काफी देर रात को आप के यहां करीब 10 मेहमान आ गये आप ने खाने को को कहा लेकिन घर मे सिर्फ़ दो लोगों का ही खाना बचा था आप ने हुक्म दिया कि बिस्मील्लाह करके खाना शुरु कर दो बताया जाता है कि सारे मेहमान उतना ही खाने मे पेट भर खा भी लिए और खाना बच भी गया आप के बुजुर्गी के तमाम करामात हैं बाबा साहब का सिलसिला आगे चलाने के लिए कई खलीफा हुए जिसमें खास हुए हजरत हबीब शाह सिवानी और मौलाना अजीमुद्दीन चिस्ती बाबा साहब 11 नवंबर 1985 मे दुनिया से रूहलत फरमा गये आप के वफात के बाद आप के बड़े साहबजादे सैयद अमीर हमजा चिस्ती को सज्जादा नसीन बनाया गया जो की पेशा से डॉक्टर थे मगर बहुत कम उम्र मे ही उनका भी देहांत 27 नवंबर 1990 को हो गया अब बाबा साहब के दूसरे साहबजादे गद्दीनसीन हैं और हर साल 11 नवंबर को उर्स का मेला बड़ी धुमधाम से मनाया जाता है है और देश के कोने कोने से लाखों जायरीन आज भी यहाँ आकर फैज हासिल करते हैं बाबा साहब के लाखों के तादाद मे मुरीदैन हुए हैं हिन्दुस्तान के अलावा दूसरे देश मे भी आप के अकीदत मंद हुये हैं उत्तर प्रदेश के देवरिया और कुशीनगर के कसया पडरौना इलाके मे हर गांव आप अकीदत मंद है बिहार बंगाल खास केंद्र रहा है आप के खलीफा अल्लामा अजीमुद्दीन साहब अररिया कोर्ट मे खानकाह कायम कर लोगो को फैज पहुँचा रहे हैं वहीँ आप के अजीज नवासे मौलाना मोहम्मद अली साहब भिवंडी मे बतौर पीर तरीकत रूहानी फैज पहुँचा रहे हैं