ऋषिकुल क्षत्रिय, जिन्हे बोलचाल की भाषा में भूमिहार या त्यागी कहा जाता है, का इस राष्ट्र में अहम योगदान रहा है।

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर', राम बेनीपुरी, गोपालसिंह 'नेपाली', राहुल सांकृत्यायन, मगही कोकिल जयराम सिंह जैसे प्रभावशाली लेखकों और चिंतकों ने हिंदी और मैथिली के साहित्यिक उपवन को अपनी रचनाओं से सिंचित किया है।

बिहार कोकिला शारदा सिन्हा, "विनोद राय", "डॉ के. के सिन्हा", "ईशान किशन" "अर्जुन शर्मा" "रविकांत शर्मा" "दीपक शर्मा" इत्यादि इसी समुदाय से आते हैं।

मगध के महान पुष्यमित्र शुंग और कण्व वंश दोनों ही राजवंश भूमिहार (क्षत्रिय) थे। भूमिहार (क्षत्रिय) भगवन परशुराम को प्राचीन समय से अपना कुल गुरु मानते हैं।