Talk:Pancha Bhuta

Latest comment: 2 years ago by 2405:201:300B:3AE8:E153:7FDC:6221:72D8 in topic Orignal ashta dhatu ring

This article is in initial stage and I am working on it. Please help to improve and add sections to it. Gaidinliu (talk) 06:44, 18 March 2015 (UTC)Reply

Orignal ashta dhatu ring edit

अष्टधातु पहनने के फायदे - अष्टधातु का मनुष्य के स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। यह हृदय को भी बल देती है एवं मनुष्य की अनेक प्रकार की बीमारियों को निवारण करती है। - अष्टधातु की अंगूठी या कड़ा धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शांति लाता है। - यह वात, पित्त, कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता है कि बीमारियां कम होती हैं एवं स्वास्थ्य पर अच्छा असर रहता है। - अष्टधातु मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालती है। अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है। - व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी धारण करें। - यदि आप अष्टधातु से बनी कोई भी चीज पहनते हैं तो आप सभी नौ ग्रहों से होने वाली पीड़ा को शांत कर सकते हैं। अपने नाम के अर्थ के अनुसार यानि की आठ धातुओं से मिलकर बनी धातु को अष्टधातु कहा जाता है। अष्टधातु जिन आठ धातुओं से मिलकर बनती है, वे हैं- सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा, तथा पारा।

नवग्रहों को बैलेंस करके भाग्योदय करती है अष्टधातु

 -    अष्टधातु को अत्यंत पवित्र और शुद्ध धातु सम्मिश्रण माना गया है। इसमें कोई भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं होती है। यदि जन्मकुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो या उसकी महादशा चल रही हो तो बहुत कष्ट देता है। ऐसी स्थिति में दाहिने हाथ में अष्टधातु का कड़ा धारण करने से राहु की पीड़ा शांत होती है। 

- अष्टधातु का संबंध मनुष्य के स्वास्थ्य से भी है। इसे हृदय को बल देने वाला और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाने वाला बताया गया है। - अष्टधातु से हृदय की अनियमित धड़कन संतुलित और नियमित होती है। अष्टधातु का कड़ा या अंगूठी धारण करने से अनेक रोगों में आराम मिलता है।

अष्टधातु को भाग्योदयकारक बताया गया है

अष्टधातु की अंगूठी या कड़ा पहनने से मानसिक तनाव दूर होता है और मन मस्तिष्क में शांति व्याप्त होती है। यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करके अनेक रोगों को दूर भगाता है।

अष्टधातु की कोई वस्तु धारण करने से व्यक्ति का मस्तिष्क उर्वर होता है। उसके निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। सही समय पर सही निर्णय लेने से उसकी तरक्की और आर्थिक संपन्न्ता के मार्ग खुलते हैं।

अष्टधातु को भाग्योदयकारक बताया गया है, बिजनेस में प्रॉफिट और तरक्की के लिए अष्टधातु की अंगूठी या लॉकेट धारण करें।

अष्टधातु से नवग्रह संतुलित होते हैं

- अष्टधातु की अंगूठी या कड़ा पहनने से नवग्रह संतुलित होते हैं। - अष्टधातु की गणेशजी की मूर्ति अपने घर के पूजा स्थान में या ईशान कोण में स्थापित करने से घर में सब शुभ होता है। - किसी भी कार्य में रूकावट नहीं आती। - विद्यार्थी, शिक्षक और एजुकेशन फील्ड से जुड़े लोग यदि अष्टधातु की सरस्वती माता की मूर्ति की नियमित पूजा करें तो उनके ज्ञान, बुद्धि में वृद्धि होती है और इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। - कई रोगों में अष्टधातु के बर्तन में रखा हुआ पानी पीया जाता है, लेकिन यह प्रयोग किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

अष्ट धातु के फायदे 1. मुनष्य के स्वास्थ्य से गहरा सम्बंध है यह हृदय को भी बल देता है एवं मनुष्य की अनेक 2. प्रकार की बीमारियों को निवारण करता है | 3. अंगूठी या कड़ा धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शान्ति लाता है। यहीं नहीं यह वात पित्त कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता हैं कि बीमारियां कम एवं स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव होता है | 4. मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालता है | अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है। धीरे-धीरे सम्पन्नता में वृद्धि होती है | 5. व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी या लॉकेट में लाजवर्त धारण करें। यह एक बहुत प्रभावशाली उपाय है, सोया भाग्य जगा देता है | 6. यदि आप अष्टधातु से बनी कोई भी चीज पहनते हैं तो आप सभी नौ ग्रहो से होने वाली पीड़ा को शांत कर सकते हैं और हाँ ये जरूरी नहीं की आप अष्टधातु से बनी से कोई चीज पहने ही आप अपने घर या ऑफिस में रखते हो तो भी इन नौ ग्रहो से होने वाली पीड़ा को शांत करता है | 7. अष्ट धातु से निर्मित कड़ा पहनने से मन शांत और चिंता मुक्त होता है | मानसिक तनाव दूर होते है और स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव बना रहता है | यह वात कफ आदि बीमारियों को दूर करता है | 8. यह धातु दिमाग पर भी असर डालती है और व्यक्ति तुरंत निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है | 9. व्यापार में फायदा और शुभ हो इसके लिए भी इस धातु से निर्मित अंगूठी धारण की जाती है | 10. इसके अलावा हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए। मंगलवार को अष्टधातु का कड़ा बनवाएं। इसके बाद शनिवार को वह कड़ा लेकर आएं। शनिवार को ही किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर कड़े को बजरंग बली के चरणों में रख दें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद कड़े में हनुमानजी का थोड़ा सिंदूर लगाकर बीमार व्यक्ति स्वयं सीधे हाथ में पहन लें ज्योतिष और अष्टधातु का महत्व शास्त्र के अनुसार हर धातु में करिश्माई शक्तियाँ होती है. धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किये जाएं तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है ज्योतिष विद्या के अंतर्गत ज्योतिष शास्त्र बहुत महत्वपूर्ण विषय करार दिया गया है। मान्यता के अनुसार इन रत्नों की किरण रश्मियां जातक को संबंधित ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचाती हैं। लेकिन ये रत्न तभी कारगर साबित होते हैं जब कोई आपको इससे संबंधित सही जानकारी आपको दे पाने में सक्षम हैं।

अष्टधातु को सबसे शुद्ध धातु क्यों माना गया है ? ज्योतिष शास्त्र में अष्टधातु का बड़ा महत्व है। कई पाप ग्रहों का दुष्प्रभाव और पीड़ा दूर करने के लिए अष्टधातु की अंगूठी को पहना जाता है । भगवान की कई मूर्तियां भी अष्टधातु की बनाई जाती है। इसका कारण है इसकी शुद्धता। अष्टधातु का अर्थ है आठ धातुओं का मिश्रण। इनमें आठ धातुएं सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा, तथा पारा शामिल किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर धातु में ऊर्जा होती है। धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण की जाए तो उसका सकारात्मक प्रभाव पहनने वाले को मिलता है। इसी सिद्धांत के आधार पर विभिन्न् ग्रहों की पीड़ा दूर करने के लिए उनके संबंधित रत्नों को भी अष्टधातु में पहनने का विधान है। क्यों धारण करे अष्टधातु अंगूठी ? • ज्योतिष के अनुसार और विज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । • इस अंगूठी के हर राशि वाला व्यक्ति पहनकर लाभ प्राप्त कर सकता है । • इसको पहनने से क्रोध शांत रहता है , ब्लड प्रेशर नार्मल रहता है तथा नौ गृह शांत रहते है । • हार्ट मज़बूत होता है , भूत , प्रेत तांत्रिक का भय नहीं रहता है तथा लक्ष्मी का वास रहता है • मनोवांछित फल प्राप्ति , शारीरिक सुख शांति , मानसिक व आर्थिक परेशानी , नौकरी , व्यापार , जोड़ो का दर्द , ब्लड प्रेशर , शुगर सर्वकार्य सिद्धि के लिए धारण करे । • शनि के उपाय के लिए काले घोड़े की नाल व गंगा की नाव की कील अंगूठी में लगी होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अष्टधातु को शारीरिक समस्याओं के निदान में विशेष स्थान दिया गया है आष्धातु अंगूठी के बारे में मान्यता है की इसे धारण करने से जोड़ो का दर्द , मानसिक तनाव , ब्लड प्रेशर , हार्ट डैमेज आदि समस्याएं दूर होती है । ORDER AT JUST 999/- MRP 1499/- रु. डिस्काउंटेड प्राइस 999/- 999 /- रुपये के अतिरिक्त अन्य कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं है ।

इस अंगूठी की अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे। जानकारी के लिए संपर्क करे : +91-9993055423 http://ratnakosh.in/ info.pragmaticinc@gmail.com — Preceding unsigned comment added by 2405:201:300B:3AE8:E153:7FDC:6221:72D8 (talk) 09:20, 5 October 2021 (UTC)Reply