VR SPEECH AND HEARING CLINIC BHAGWATGITA APARTMENT EKVIRA CHOWK PIPELINE ROAD SAVEDI AHMEDNAGAR 9757588677

बाल्यावस्था में ऑटिज्म को कैसे पहचाने

बाल्यावस्था में सामान्य बच्चो एवं ऑटिस्टिक बच्चो में कुछ प्रमुख अन्तर होते है जिनके आधार पर इस अवस्था की पहचान की जा सकती है जैसे:-

सामान्य बच्चें माँ का चेहरा देखते है और उसके हाव-भाव समझने की कोशिश करते है परन्तु ऑटिज्म से ग्रसित बच्चे किसी से नज़र मिलाने से कतराते हैंसामान्य बच्चे आवाज़े सुनने के बाद खुश हो जाते है परन्तु ऑटिस्टिक बच्चे आवाज़ों पर ध्यान नहीं देतेसामान्य बच्चे रे-धीरे भाषा ज्ञान में वृद्धि करते है परन्तु ऑटिस्टिक बच्चे बोलने के कुछ समय बाद अचानक ही बोलना बंद कर देते है तथा अजीब आवाज़ें निकलतें है.सामान्य बच्चे माँ के दूर होने पर या अनजाने लोगो से मिलने पर परेशान हो जाते है परन्तु ऑटिस्टिक बच्चे किसी के आने-जाने पर परेशान नहीं होतेऑटिस्टिक बच्चे तकलीफ के प्रति कोई क्रिया नहीं करते और बचने की भी कोशिश नहीं करतेसामान्य बच्चे क़रीबी लोगो को पहचानते है तथा उनके मिलने पर मुस्कुराते है लेकिन ऑटिस्टिक बच्चे कोशिश करने पर भी किसी से बात नहीं करते वो अपने ही दुनिया में खोये रहते हैंऑटिस्टिक बच्चे एक ही वस्तु या कार्य में मग्न रहते है तथा अजीब क्रियाओं को बार-बार दुहराते है जैसे: आगे-पीछे हिलना, हाथ को हिलाते रहनाऑटिस्टिक बच्चे अन्य बच्चों की तरह काल्पनिक खेल नहीं खेल पाते वह खेलने के वजाय खिलौनों को सूंघते या चाटते हैंऑटिस्टिक बच्चे बदलाव को बर्दास्त नहीं कर पाते एवं अपने क्रियाकलापों को नियमानुसार ही करना चाहते हैं. 10.ऑटिस्टिक बच्चे बहुत चंचल या बहुत सुस्त होते हैंइन बच्चो में कुछ विशेष बातें होती है जैसे एक इन्द्री का अतितीव्र होना जैसे श्रवण शक्ति