ज्योतिष् अध्यात्म दिवस

आगामी १८ मार्च २०१८ को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी चैत्रि नव संवत्सर वर्ष का पहला दिन है| भारत वर्ष मे अनेक संवत्सर वर्ष प्रचलित है, लेकिन २२ मार्च १९५७ को कॅलंडर रिफॉर्म कमिटी ने इस तिथि को हिंदू कॅलनडर का पहला दिवस मानते हुए इसे भारतीय हिंदू कॅलंडर घोषित किया है|

वैदिक मान्यता अनुसार इसी दिन ब्रह्मांड मे सूर्य नक्षत्र तारो की उत्पत्ति हुई थी| अरवाचिन संशोधन और नासा ने भी इस बात की पुष्टि करते है|

भारत देश अध्यात्मिक देश के रूप मे पूरी दुनिया मे प्रतिस्थित है और पारंपरिक मान्यताओ के अनुसार ज्योतिष् से लेकर हर एक अध्यात्मिक विध्यए, ग्रह नक्षत्र तारो से जुड़ी हुई है| जब भी ग्रह नक्षत्रो की बात आती है, तब हुमारे ज़हेन मे ज्योतिष् सबसे पहले आता है|

इन तथ्यो को सामने रखते हुए साल २०१७ मे गुजरात मे पहली बार "ज्योतिष् अध्यात्म दिवस" मनाया गया था| इस समहरो मे गुजरात के जाने माने कई प्रतिष्ठित अध्यात्मिक वह ज्योतिष् उपस्थित रहे थे| डॉ त्रिशला शेठ (वास्तु प्रदीप फाउंडेशन), डॉ अश्विन त्रिवेदी, भूपेंद्र ढोलकिया, डॉ शांतिभाई आदेशारा, हेमंत शाह, अशुतोष कल्याणी, वसांतभई बोरकर और आदि गुजरात के गणमान्य ज्योतिशयो ने मिलकर, ज्योतिष् अध्यात्म दिन मनाया था|

इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (१८ मार्च २०१८) को हम, अध्यात्मिक विधया से जुड़े सभी लोग को ज़ोरशोर से इस दिवस को मानने का अनुरोध करते है|

हुमारा अनुरोध है के इस दिवस आप अपने घरो और कार्यालायो को सजाए, ग्रंथो की पूजा करे, अपने अध्यात्मिक वर्तुल मे सबको शुभकामन्याए दे, और अपने ईष्ट देवी देवता का पूजन करे.

- डॉ त्रिशला शेठ

(वास्तु प्रदीप फाउंडेशन)