Vishwamitra Pathak, Sihawal

विश्वामित्र पाठक


श्री विश्वामित्र पाठक का जन्म 1 अगस्त 1954 में देवसर सिंगरोली मध्य प्रदेश में हुआ| युवा अवस्था से ही उनकी पहचान लोगों के बीच में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में थी जो हर आदमी की मदद करे, बेसहारा को सहारा दें, लोगो को उनके हक़ दिलवाए, उनके क्षेत्र के लिए ये एक नायक बनकर उभरे| अपने प्रारंभिक जीवन से ही एक सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहे है| राजनीति के अंदर रहते हुए इन्होने कई समाज कल्याण के कार्य करवाए हें|

इन्होने अभी तक कई समाज कल्याण के कार्य किये हें जिस से कई लोगों की जिन्दगी में परिवर्तन आया है| कई कार्य तो ऐसे किए गये हें जिनसे लोगों की जीवन शैली बदली है| इनके समाज कल्याण की चर्चा न केवल विधानसभा क्षेत्र बल्कि जिला स्तर और राज्य स्तर तक फेली हुई है| जिसके फलस्वरुप लोगों ने इन्हें 1978 से 2005 तक लगातार सरपंच पद पर निर्वाचित किया और अपना अपार प्रेम दिया और 2005 में जनपद सदस्य पद पर रहे और निर्विरोध जनपद अध्यक्ष बने। 2008 में भारतीय जानता पार्टी ने इन्हें अपना विधायक का टिकिट दिया और जनता ने इन्हें अपने विधायक के तौर पर चुना और इन्होने विधानसभा की स्थाई समितियों में याचिका समिति, सरकारी उपक्रम समिति, परामर्श दात्री समिति, मंत्रालय की समितिया, पंचायत एव ग्रामीण विकास विभाग एव वित्त मंत्रालय जैसी समितियों में कार्य एव सहयोग किया और लोगों के विकास के लिए काफी कदम उठाये जिससे क्षेत्र का विकास हुआ और लोगों का इनके लिए प्यार बढ़ा|

श्री विश्वामित्र पाठक ने एक किसान परिवार में जन्म लिया और खुदका पेशा भी खेती राखा। इसके कारण किसानों के दर्द को समझते है| एक मध्यम वर्गीय परिवार से होने के करण ये आम आदमी के दुःख को काफी अच्छी तरह से समझते है|

श्री विश्वामित्र पाठक एक अच्छे व्यक्तिव के धनि है जिसके फलस्वरुप इनकी लोकप्रियता जिले और राज्य स्तर तक फेली हुई है, इनका एक गुण जो जनता को सबसे अच्छा लगता है वो है जनता के दुःख को अपना दुःख समझना और उसे जल्द से जल्द दूर करना|

श्री विश्वामित्र पाठक इस क्षेत्र के लिए एक अच्छे राजनीतिज्ञ, अच्छे वक्ता, अच्छे लीडर, अच्छे मार्गदर्शक साबित हुए है| इस क्षेत्र को इनकी बहुत जरुरत है। आप अच्छे नायक के तौर पर क्षेत्र को बहुत आगे ले जा सकते है आप इस क्षेत्र को बहुत कुछ देने की क्षमता रखते है|