दिनेश कुमार तिवारी पूज्य पिता श्री गौटीया गजपति लाल तिवारी.अधिवक्ता सारंगर.पसंद-कवीता लिखना,प्यार-च्छाट्तीसगारही,याद-बॉबी,प्रेम-पूजा,धर्म-बाराह्मण,प्रथम कार्य-सिंघल एंटरप्राइज़स झारसुगुड़ा, दुतीया श्याम मेटालिक्स रेंगाली,मा को ज्यादा प्यार हमेशा के लिये है,मुझे हिन्दू होने का गर्व है,मेरा पसंद का राजा-पुष्यमित्रा शुंग,महाराणा प्रताप,शिवाजी,है.राजनीति और इतिहास अच्च्छा लगता है.मेरा गाव और चखी,पीपल पेढ मरते तक नहीं भूलूंगा.मुझे अजित जोगी का च्छट्तीसगारही भासन पसंद है.मुझे मेरा इस्कूल भी याद हमेशा रहेगा,भगवान परसुराम,श्री हरि,शंकर,इंद्रा,गणेश,सूर्य,वामन,बुध,को मानता हु,मे शिर्डी शाइ को नहीं मानता हु,मुझे अकबर महान अच्छा शब्द नहीं लगता है,मुझे चंद्रसेखर आज़ाद अच्च्छा लगता है,मेरा पहला कवीता दिन का इस्वर है,ई दाई ए नरी के टाइ,मोला बना पर्सनल,चिरई.आरकचछ्ण का विरोधी हु,बकवास कानून भारत मे भरा पड़ा है.मेरा बढिया दोस्त मेरा भाई है हम साथ-साथ हमेशा रहे है एक साथ सोते भी,हमेशा साथ प्यार से रहेंगे. दिनेश कुमार तिवारी (एल.एल.बी.)जन्म कौवाताल मे उच्च बराह्मण कुल १९८६ मे हुआ, पिता का नाम श्री गौतिया गजपति लाल तिवारी है।माता श्रीमती पूर्णिमा तिवारी है.तीन भाइयो और एक बहन मे सबसे छोटे के कारण मा का दुलारा है,उन्हे भी मा अच्छी लगती है। बचपन मे १ से १५ वर्ष तक मा के आचल मे था। मा का पल्लू पकड़ के मामा का घर भी चले जाते.बाप का कोरा (गोदी) भी यादगार समय था.बचपन मे शर्मीला स्वभाव का था,गाओ के लोग उन्हे दीनू भाई भी कहते है। बचपन मे भाई के साथ घर के पुवाल (स्टॉक ऑफ ग्रास) मे मूंगफली भूंजने के लिये आग लगा दिये थे,लेकिन पिता जी गुस्सा नहीं हुये थे। उस समय भारत मे गरीबी थी लेकिन पिता जी अच्छे ही है,जो बच्चो पर गुस्सा नहीं करते थे। एक बार बाप के हाथ से मार खाने का सौभाग्य मिला है सभी भाई बहन आज भी हसते है लेकिन उस दिन हसने के कारण पापड़ का सुवाद मिला. बड़े भाई से दर लगता है क्योकि ओ बहुत मेरे से बहुत बड़ा है. मंझला भाई तो मेरा भाई दोस्त सब है सब बात शेर कर सकता हु. हम एक साथ पढ़ाई करने स्कूल और कॉलेज मे गये,जब ओ ८ क्लास मे था मई ६ मे एंटर किया,जब ओ १२ मे था मई ९ मे एंटर किया.ओ मुझे बहुत पसंद है.हम साथ साथ बचपन मे रहते थे लेकिन आज भी साथ ही घूमते फिरते है. साइकल मे बैठना स्कूल जाना हमेशा यादगार है. मुझे मेरे गुरुजन भी सब अच्छे से याद है.पिटान खाना तो मजे की बात हो गयी उस समय गुस्सा हो जाता था लेकिन अभी अच्छा लगता है। ५ क्लास के रिज़ल्ट से मई सन्तुस्त नहीं था मुझे लगा की मुझे काम अंक दिया गया है,मई मासूम था लेकिन बदमाशी भी हो जाता है। बहन मेरी ओपन माइंड की है उसके साथ हम बहुत लड़ते झगते मगर अच्छा लगता था आज भी अच्छा ही लगता है. पीपल के पेड़ और गर्मी का मौसम बाहर मे आसमान के नीचे सोना और तारे देखना दिल मे बस गया है।यादगार।

सब को लगता था मई कुच्छ बनूगा लेकिन अफसोस मई कुच्छ भी नही बन पाया. 

१२ डिसेंबर २००७ को सिंघल एंटरप्राइज़स प्र्वेट लिमिटेड मे काम शुरू. और ओडिया समझना और देखना और अनेक स्टेट के लोगो से बात करना सुभारंभ. १५ जुलाइ २०१ से श्याम मेटालिक्स आंड एनर्जी लिमिटेड मे काम. ओडिया लोगो

दिनेश कुमार तिवारी (एल.एल.बी.)जन्म कौवाताल मे उच्च बराह्मण कुल १९८६ मे हुआ, पिता का नाम श्री गौतिया गजपति लाल तिवारी है।माता श्रीमती पूर्णिमा तिवारी है.तीन भाइयो और एक बहन मे सबसे छोटे के कारण मा का दुलारा है,उन्हे भी मा अच्छी लगती है। बचपन मे १ से १५ वर्ष तक मा के आचल मे था। मा का पल्लू पकड़ के मामा का घर भी चले जाते.बाप का कोरा (गोदी) भी यादगार समय था.बचपन मे शर्मीला स्वभाव का था,गाओ के लोग उन्हे दीनू भाई भी कहते है। बचपन मे भाई के साथ घर के पुवाल (स्टॉक ऑफ ग्रास) मे मूंगफली भूंजने के लिये आग लगा दिये थे,लेकिन पिता जी गुस्सा नहीं हुये थे। उस समय भारत मे गरीबी थी लेकिन पिता जी अच्छे ही है,जो बच्चो पर गुस्सा नहीं करते थे। एक बार बाप के हाथ से मार खाने का सौभाग्य मिला है सभी भाई बहन आज भी हसते है लेकिन उस दिन हसने के कारण पापड़ का सुवाद मिला. बड़े भाई से दर लगता है क्योकि ओ बहुत मेरे से बहुत बड़ा है. मंझला भाई तो मेरा भाई दोस्त सब है सब बात शेर कर सकता हु. हम एक साथ पढ़ाई करने स्कूल और कॉलेज मे गये,जब ओ ८ क्लास मे था मई ६ मे एंटर किया,जब ओ १२ मे था मई ९ मे एंटर किया.ओ मुझे बहुत पसंद है.हम साथ साथ बचपन मे रहते थे लेकिन आज भी साथ ही घूमते फिरते है. साइकल मे बैठना स्कूल जाना हमेशा यादगार है. मुझे मेरे गुरुजन भी सब अच्छे से याद है.पिटान खाना तो मजे की बात हो गयी उस समय गुस्सा हो जाता था लेकिन अभी अच्छा लगता है। ५ क्लास के रिज़ल्ट से मई सन्तुस्त नहीं था मुझे लगा की मुझे काम अंक दिया गया है,मई मासूम था लेकिन बदमाशी भी हो जाता है। बहन मेरी ओपन माइंड की है उसके साथ हम बहुत लड़ते झगते मगर अच्छा लगता था आज भी अच्छा ही लगता है. पीपल के पेड़ और गर्मी का मौसम बाहर मे आसमान के नीचे सोना और तारे देखना दिल मे बस गया है।यादगार।

सब को लगता था मई कुच्छ बनूगा लेकिन अफसोस मई कुच्छ भी नही बन पाया. 

१२ डिसेंबर २००७ को सिंघल एंटरप्राइज़स प्र्वेट लिमिटेड मे काम शुरू. और ओडिया समझना और देखना और अनेक स्टेट के लोगो से बात करना सुभारंभ. १५ जुलाइ २०१ से श्याम मेटालिक्स आंड एनर्जी लिमिटेड मे काम.

dinu aur usaki yaad

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दिनेश कुमार तिवारी (एल.एल.बी.)जन्म कौवाताल मे उच्च बराह्मण कुल १९८६ मे हुआ, पिता का नाम श्री गौतिया गजपति लाल तिवारी है।माता श्रीमती पूर्णिमा तिवारी है.तीन भाइयो और एक बहन मे सबसे छोटे के कारण मा का दुलारा है,उन्हे भी मा अच्छी लगती है। बचपन मे १ से १५ वर्ष तक मा के आचल मे था। मा का पल्लू पकड़ के मामा का घर भी चले जाते.बाप का कोरा (गोदी) भी यादगार समय था.बचपन मे शर्मीला स्वभाव का था,गाओ के लोग उन्हे दीनू भाई भी कहते है। बचपन मे भाई के साथ घर के पुवाल (स्टॉक ऑफ ग्रास) मे मूंगफली भूंजने के लिये आग लगा दिये थे,लेकिन पिता जी गुस्सा नहीं हुये थे। उस समय भारत मे गरीबी थी लेकिन पिता जी अच्छे ही है,जो बच्चो पर गुस्सा नहीं करते थे। एक बार बाप के हाथ से मार खाने का सौभाग्य मिला है सभी भाई बहन आज भी हसते है लेकिन उस दिन हसने के कारण पापड़ का सुवाद मिला. बड़े भाई से दर लगता है क्योकि ओ बहुत मेरे से बहुत बड़ा है. मंझला भाई तो मेरा भाई दोस्त सब है सब बात शेर कर सकता हु. हम एक साथ पढ़ाई करने स्कूल और कॉलेज मे गये,जब ओ ८ क्लास मे था मई ६ मे एंटर किया,जब ओ १२ मे था मई ९ मे एंटर किया.ओ मुझे बहुत पसंद है.हम साथ साथ बचपन मे रहते थे लेकिन आज भी साथ ही घूमते फिरते है. साइकल मे बैठना स्कूल जाना हमेशा यादगार है. मुझे मेरे गुरुजन भी सब अच्छे से याद है.पिटान खाना तो मजे की बात हो गयी उस समय गुस्सा हो जाता था लेकिन अभी अच्छा लगता है। ५ क्लास के रिज़ल्ट से मई सन्तुस्त नहीं था मुझे लगा की मुझे काम अंक दिया गया है,मई मासूम था लेकिन बदमाशी भी हो जाता है। बहन मेरी ओपन माइंड की है उसके साथ हम बहुत लड़ते झगते मगर अच्छा लगता था आज भी अच्छा ही लगता है. पीपल के पेड़ और गर्मी का मौसम बाहर मे आसमान के नीचे सोना और तारे देखना दिल मे बस गया है।यादगार।

सब को लगता था मई कुच्छ बनूगा लेकिन अफसोस मई कुच्छ भी नही बन पाया. 

१२ डिसेंबर २००७ को सिंघल एंटरप्राइज़स प्र्वेट लिमिटेड मे काम शुरू. और ओडिया समझना और देखना और अनेक स्टेट के लोगो से बात करना सुभारंभ. १५ जुलाइ २०१ से श्याम मेटालिक्स आंड एनर्जी लिमिटेड मे काम. ओडिया लोगो — Preceding unsigned comment added by DINU KUMAR TIWARI (talkcontribs) 15:28, 11 June 2014 (UTC)Reply

career starting 2007.

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areer. 2.kouwatal. 2.brahaman family. 3.Personal life 4.education. 5.singhal enterprises pvt ltd. 6.Shyam metalics and energy ltd. — Preceding unsigned comment added by Tiwari dinesh kouwatal (talkcontribs) 14:29, 27 June 2014 (UTC)Reply

dinesh tiwari support to shankaracharya statement.

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tiwari support to shankarcharya statement for june 2014. — Preceding unsigned comment added by Tiwari dinesh kouwatal (talkcontribs) 14:31, 27 June 2014 (UTC)Reply